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    गूगल ने क्रोम ब्राउज़र में प्राइवेट ब्राउज़िंग मोड (Incognito Mode) की पॉलिसी अपडेट की है। अब जब भी कोई यूजर इस मोड में ब्राउज़िंग करेगा, तो उसे एक चेतावनी मिलेगी कि वेबसाइटें उनके डेटा को ट्रैक कर सकती हैं।

    पहले गूगल का दावा था कि Incognito Mode में ब्राउज़िंग करने पर यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहता है। लेकिन हाल ही में एक मुकदमे में गूगल को यह स्वीकार करना पड़ा कि यह दावा गलत है। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि Google, Incognito Mode में भी यूजर्स के डेटा को ट्रैक करता है।

    नई पॉलिसी के मुताबिक, Incognito Mode में ब्राउज़िंग करने पर यूजर्स का डेटा वेबसाइटों द्वारा ट्रैक किया जा सकता है। हालांकि, इस मोड में ब्राउज़िंग करने पर यूजर्स की एक्टिविटी उस डिवाइस के अन्य यूजर्स को नहीं दिखेगी।

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    गूगल ने यह पॉलिसी मुकदमे के बाद बदली है। कंपनी का कहना है कि इस बदलाव से यूजर्स को यह स्पष्ट हो जाएगा कि Incognito Mode में ब्राउज़िंग करने पर भी उनका डेटा ट्रैक किया जा सकता है।

    नई चेतावनी में यह भी कहा गया है कि इस मोड में ब्राउज़िंग करने पर यूजर्स की एक्टिविटी उस डिवाइस के अन्य यूजर्स को नहीं दिखेगी।

    गूगल ने यह चेतावनी मुकदमे के बाद बदली है। कंपनी का कहना है कि इस बदलाव से यूजर्स को यह स्पष्ट हो जाएगा कि इनकॉगनिटो मोड में ब्राउज़िंग करने पर भी उनका डेटा ट्रैक किया जा सकता है।

    यह चेतावनी अगले महीने तक रोल आउट की जा सकती है। इस चेतावनी को अप्रूव करने के बाद ही इस मोड का इस्तेमाल यूजर द्वारा किया जा सकेगा।

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