अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एयरोस्पेस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने एक नया सुपरसोनिक विमान एक्स-59 लॉन्च किया है। यह विमान आवाज की गति से 1.4 गुना तेज उड़ सकता है, यानी 1,510 किलोमीटर प्रति घंटे।
सुपरसोनिक विमानों को आवाज की गति से भी तेज उड़ान भरने पर एक समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसे सोनिक बूम कहा जाता है। सोनिक बूम एक तेज ध्वनि तरंग है जो विमान के आगे निकलने पर बनती है। यह ध्वनि इतनी तेज होती है कि यह लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती है।
एक्स-59 में सोनिक बूम को कम करने के लिए विशेष डिज़ाइन किया गया है। इस विमान के पंखों और नाक में विशेष डिजाइन हैं जो सोनिक बूम को कम करने में मदद करते हैं।
नासा का मानना है कि एक्स-59 के परीक्षण से नई पीढ़ी के वाणिज्यिक सुपरसोनिक विमानों को बनाने में मदद मिलेगी। इन विमानों से लोगों को कम समय में लंबी दूरी की यात्रा करने में मदद मिलेगी।
कॉनकॉर्ड: दुनिया का पहला सुपरसोनिक विमान
दुनिया का पहला सुपरसोनिक विमान कॉनकॉर्ड था। यह विमान आवाज की गति से दोगुनी तेजी से उड़ सकता था। कॉनकॉर्ड ने 1976 से 2003 तक यात्री सेवाएं प्रदान कीं।
कॉनकॉर्ड की उड़ानें बंद होने के कई कारण थे, जिनमें लागत, सुरक्षा चिंताएं और सोनिक बूम शामिल थे। सोनिक बूम एक तेज ध्वनि तरंग है जो सुपरसोनिक विमान के आगे निकलने पर बनती है। यह ध्वनि इतनी तेज होती है कि यह लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती है।
एक्स-59: सुपरसोनिक उड़ान का भविष्य?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक्स-59 नामक एक नए सुपरसोनिक विमान का विकास किया है। एक्स-59 सोनिक बूम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नासा का मानना है कि एक्स-59 की परीक्षण उड़ानें वाणिज्यिक सुपरसोनिक उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं। यदि एक्स-59 सफल होता है, तो यह दुनिया भर में यात्रा को तेज और आसान बना सकता है।
सुपरसोनिक विमान एक्स-59 की पहली उड़ान इस साल के अंत में
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की है कि उसका सुपरसोनिक विमान एक्स-59 इस साल के अंत में पहली बार उड़ान भरेगा। एक्स-59 सोनिक बूम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो सुपरसोनिक विमानों द्वारा उत्पन्न होने वाली तेज ध्वनि तरंग है।
नासा की उप प्रशासक पाम मेलराय ने कहा, “यह एक बड़ी उपलब्धि है और यह नासा और पूरी एक्स-59 टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।”
एक्स-59 की परीक्षण उड़ानें नासा के एडम्स एयरफील्ड में आयोजित की जाएंगी। उड़ान परीक्षण के बाद, विमान को पूरे अमेरिका के कई चयनित शहरों में ले जाया जाएगा ताकि लोगों से एक्स-59 द्वारा उत्पन्न होने वाली ध्वनि के बारे में प्रतिक्रिया एकत्र की जा सके।
नासा का मानना है कि यदि एक्स-59 सफल होता है, तो यह वाणिज्यिक सुपरसोनिक उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।